मुंबई में Ola, Uber और Rapido ड्राइवर्स अब लेंगे सिर्फ सरकारी तय किराया – जानें पूरी डिटेल 3 बड़े बदलाव

नया नियम: अब सिर्फ सरकारी तय किराया

मुंबई जैसे बड़े शहर में हर दिन लाखों लोग Ola, Uber और Rapido जैसी ऐप से कैब बुक करते हैं। लेकिन अब यात्रियों और ड्राइवर्स के लिए बड़ा बदलाव आया है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (MMRTA) ने आदेश दिया है कि जब तक राज्य सरकार की नई एग्रीगेटर पॉलिसी पूरी तरह लागू नहीं होती, तब तक सभी एग्रीगेटर कंपनियों को केवल सरकार द्वारा तय किए गए किराए पर ही सेवाएं देनी होंगी।

यह नियम 18 सितंबर शाम 5 बजे से लागू हो चुका है। काली-पीली टैक्सी का किराया प्रति किलोमीटर ₹20.66 और कैब सेवाओं का ₹22.75 तय किया गया है। साथ ही, हर ड्राइवर को कुल किराए का कम से कम 80% हिस्सा मिलना अनिवार्य है।

ड्राइवर्स का समर्थन और आंदोलन

ज्यादातर कैब ड्राइवर्स इस फैसले से खुश नज़र आ रहे हैं। गिग वर्कर्स एसोसिएशन, जिसमें करीब 90% ड्राइवर्स जुड़े हैं, ने घोषणा की है कि 23 सितंबर से सभी ड्राइवर्स केवल सरकारी तय किराए पर ही सवारी करेंगे।

इसी मुद्दे को लेकर एसोसिएशन ने मुंबई के आज़ाद मैदान में धरना भी आयोजित किया था। ड्राइवर्स का कहना है कि पहले Ola और Uber जैसी कंपनियां डिमांड और सप्लाई के आधार पर किराया तय करती थीं, जिससे यात्रियों को ज़्यादा भुगतान करना पड़ता था और ड्राइवर्स को भी उनका पूरा हिस्सा नहीं मिल पाता था। नए आदेश से उन्हें स्थायी आमदनी और पारदर्शिता की उम्मीद है।

🚕 ड्राइवर्स पर असर

ड्राइवर्स को अब अपनी कमाई का 80% हिस्सा मिलेगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें स्थायी आमदनी का भरोसा रहेगा। हालांकि कुछ ड्राइवर्स को चिंता है कि यदि किराया बहुत कम रखा गया तो उनकी आय प्रभावित हो सकती है। फिर भी अधिकतर ड्राइवर्स इस फैसले से संतुष्ट हैं और इसे अपने पक्ष में देख रहे हैं। क्या है एग्रीगेटर पॉलिसी?

महाराष्ट्र सरकार ने 20 मई 2025 को एग्रीगेटर पॉलिसी को मंजूरी दी थी। इसमें कई सख्त नियम शामिल हैं:

  1. राइड कैंसिलेशन पर जुर्माना – ड्राइवर बिना कारण राइड कैंसिल करेगा या यात्री यात्रा से मना करेगा तो दोनों पर जुर्माना लगेगा।
  2. किराए की सीमा तय – यात्रियों से मनमाना किराया लेने पर रोक होगी।
  3. कारपूलिंग पर नियंत्रण – बिना अनुमति कारपूलिंग सेवाएं देना संभव नहीं होगा।
  4. लोकल रजिस्ट्रेशन अनिवार्य – सभी एग्रीगेटर कंपनियों को महाराष्ट्र में रजिस्टर्ड होना पड़ेगा।

हालांकि यह पॉलिसी अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि तब तक सभी कंपनियों को केवल सरकारी तय किराए पर ही सर्विस देनी होगी।

यात्रियों पर असर

यात्रियों के लिए यह बदलाव राहत की खबर है। अब उन्हें ऐप पर दिखाया गया किराया ही फाइनल देना होगा। अचानक बढ़ने वाले सर्ज प्राइस से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। पारदर्शिता और भरोसेमंद सेवा मिलने से लोग इसे सकारात्मक मान रहे हैं।

ड्राइवर्स पर असर

ड्राइवर्स को अब अपनी कमाई का 80% हिस्सा मिलेगा। इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उन्हें स्थायी आमदनी का भरोसा रहेगा। हालांकि कुछ ड्राइवर्स को चिंता है कि यदि किराया बहुत कम रखा गया तो उनकी आय प्रभावित हो सकती है। फिर भी अधिकतर ड्राइवर्स इस फैसले से संतुष्ट हैं और इसे अपने पक्ष में देख रहे हैं।

निष्कर्ष

मुंबई में Ola, Uber और Rapido जैसी कैब सेवाओं के लिए सरकार का यह फैसला यात्रियों और ड्राइवर्स दोनों के लिए बड़ा बदलाव है। जहां यात्रियों को मनमानी वसूली से राहत मिलेगी, वहीं ड्राइवर्स को भी उचित मुनाफा मिलेगा।

एग्रीगेटर पॉलिसी पूरी तरह लागू होने के बाद ही इसका असली असर दिखेगा, लेकिन फिलहाल के लिए यह कदम पारदर्शी और भरोसेमंद परिवहन व्यवस्था की दिशा में अहम सुधार माना जा रहा है।

नोट: यह खबर विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। हम इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करते हैं।